भूमि पंजीकरण से लेकर निर्माण तक की प्रक्रिया
आज के इस ब्लॉग में हम आपको बताने वाले हैं किसी भी प्लाट को खरीदने से लेकर उसमे कंस्ट्रक्शन करने तक का पूरा प्रोसेस क्या होता है ??
Step 1 ;- सबसे पहले आपको अपने requirement के हिसाब से एक प्लाट फाइंड कर लेना है. यह आप 2 तरीके से कर सकते हैं.
या तो आप सीधे मालिक से खरीद सकते हैं या फिर
किसी प्रॉपर्टी डीलर से भी आप खरीद सकते हैं.
दोनों ही तरीके सही है अगर आप सीधे मालिक से मिलते हैं तो आपको सिर्फ प्लाट का प्राइस देना होता है.
जबकि अगर आप प्रॉपर्टी डीलर की हेल्प से कोई प्लाट खरीदते हैं तो उसमे आपको प्लाट का प्राइस प्लस कुछ कमीसन भी देना होता है.
ये कमीशन प्रॉपर्टी के कॉस्ट पर निर्भर करता हैं.
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Step 2 :- प्लाट find करने के बाद आपको ये चेक करना होता है कि जो उस प्लाट को Sell कर रहा है। उसके पास sell करने का अधिकार है या नहीं ?? इसके लिए आप property के document देखिये।
अगर वो owner नहीं है तो आप Power of Attorny देखिये आप Property के document और Power of Attorney की फोटो कापी ले लीजिए ।
इसके बाद आपको आसपास रहने वाले लोगो से inquiry करना है जैसे कि जो प्रापर्टी आप खरीद रहे हैं। इस पर कोई case तो नहीं चला रहा हैं।
Step-3 :- ज्यादातर लोग Registry से पहले ही पूरा पेमेंट कर देते हैं इसमें को हर्ज नहीं हैं लेकिन पेमेंट चापको कभी भी cash में नहीं करना चाहिए- या तो आप चेक से पेमेंट कीजिए या किर आप नेट बैंकिंग के माध्यम से पेमेंट करिये।
जो भी पेमेंट आप कर रहे हैं. वो आपको लिख लेना चाहिए और इस पर seller और 2 गवाहों के हस्ताक्षर करा लेना चाहिए।
ताकि अगर कोई प्रॉब्लम आये तो ये आपके लिए एक सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता हैं।
यहां पर आपको एक और बात ध्यान रखना है की हर Property के दो Rate होते हैं
● एक सरकारी रेट
● दूसरा सेलिंग रेट
रजिस्ट्री में जो स्टांप लगता है वो सरकारी रेट के हिसाब से लगते है। हैं। सेलिंग रेट के हिसाब से नहीं लगते हैं।
ज्यादातर सरकारी रेट कम होता है और Selling Rate ज्यादा होता है।
जैसे कोई 20 लाख रुपये का प्लाट खरीद रहे हैं तो 20 लाख इसका Selling Rate हैं जबकि इसका सरकारी रेट कम होगा जो कि हर स्टेट का अलग-अलग होता हैं।
ये आप Internet पर चेक कर सकते हैं
जो Property का सरकार रेट होता है उसी के हिसाब से रजिस्ट्री के समय स्टाम्प लगते हैं।
Step 4 :- अब बात करते है की रजिस्ट्री के लिये कौन -कौन से डॉक्यूमेंट की आवश्यकता पडेगी
Seller का फोटो और उसका आधार कार्ड
Buyer का फोटो और उसका आधार कार्ड
उन दो गवाही के फोटो और आधार कार्ड
Step 5 :- ये सभी चीजें होने के बाद आपको एक Date fix कर लेना है। जिसमें आपको रजिस्ट्रार ऑफिस जाना हैं। रजिस्ट्रार ऑफिस Seller, Buyer और दोनों गवाहों को जाना है
रजिस्ट्रार ऑफिस के बाहर आपको बहुत सारे वकील मिलेगे उसमें से आपको कोई एक वकील हायर कर देना है। सभी वकीलों की फीस एक जैसे ही होती हैं जो भी वकील आप हायर करेंगे वह आपके Registry documents तैयार करेगा साथ ही उसमे सरकारी Rate के हिसाब से स्टाप लगायेगा।
रजिस्ट्री के documents तैयार करने में वकील को 1 से 2 घंटे का समय लगता है। उसके बाद आपको इन documents के साथ रजिस्ट्रार ऑफिस जाना होता है वहा पर आपको 3 काऊंटर मिलते हैं.
पहले काउंटर पर वेरिफिकेशन किया जाता है
Seller से पूछा जाता है क्या आप बेच रहे हैं?
Buyer से पूछा जाता है कि क्या आप खरीद रहे है।
गवाह से पूछा जाता है कि क्या आप गवाह रहेंगे इसमें
और ये यो पूछा जाता गया है की क्या पेमेंट हो गया है और कितना हुआ है
वहां पर आपको जो सरकारी रेट हैं। वही बताना होता हैं। जैसे कोई Property आप 10 लाख रुपये की खरीदी हैं, और उसका सरकारी रेट 4 लाख रुपया है तो वहाँ पर आपको यही बताना होता है की 4 लाख रुपये में सौदा हुआ हैं। और पेमेंट हो गया है.या आधा हुआ है।
इसके बाद दूसरे counter पर seller, Buyer और दोनों गवाहों के Fingerprints लिये जाते हैं। और आँखों का scan भी किया जाता है। इसके बाद तीसरे counter पर रजिस्ट्री के सभी पेपर जमा कर दिया जाता है। और वहां पर हस्ताक्षर करवाया जाता है।
वहां से कुछ दिनों के बाद आपको आपकी प्रॉपर्टी के documents मिल जाते जैसे ही आपको आपके Property के documents मिलते हैं तो आप उसके मालिक बन जाते है
इसके बाद अगर आप उस Plot पर कंस्ट्रक्शन करना चाहते है। तो
सबसे पहले आपको उसका नक्शा बनवाना होगा
एक Application लिखना होगा.और
एक affidavit बनवाना होगा
और फिर इन तीनो documents को नगर पालिका में जमा करना होगा इसके बाद वहां से एक ऑफिसर आता है आपके plot को चेक करता है और नक्शा पास करता है।
और इसके बाद आप उस plot पर कंस्ट्रक्शन करा सकते हैं।